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log bhool jate hai लोग भूल जाते है ख़राब मौसम और गर्दिश के दिनों में के गई मदद लोग भूल जाते है संघर्घ के दौर में काली अँधेरी रातो में अपनी दहलीज़ पर दिया जला कर राह दिखाने वालो को लोग इस्तेमाल करते है दूसरो के कंधो को सीढियो की तरह और chahat रखते है आकाश छु लेने की कोई नहीं जानता यह लोग अपने इस अँधेरे सफ़र में कहा गिर जाते है कहा छूट जाते है और कब लोग इन्हें भूल जाते है .
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